संवाद करने की क्षमता मजबूत पारिवारिक संबंधों की कुंजी है। सुनने से पति-पत्नी एक-दूसरे के करीब आते हैं। आंकड़ों के अनुसार, 60% से अधिक पारिवारिक विवाद इस तथ्य के कारण उत्पन्न होते हैं कि पति या पत्नी ने एक-दूसरे की बात ध्यान से नहीं सुनी, परिणामस्वरूप, उन्होंने जो कहा, उसे गलत समझा।
आइए एक नजर डालते हैं समस्या की जड़ पर। आप थके हुए हैं, आपके लिए ध्यान केंद्रित करना मुश्किल है, रेडियो काम कर रहा है, बच्चे खेल रहे हैं, आपका जीवन साथी एनिमेटेड रूप से कुछ बताना शुरू कर देता है। आप शायद उसकी आधी बात नहीं सुनेंगे।
अगला कदम यह है कि आप धारणाएँ बनाते हैं। इसे मन को पढ़ने का विनाशकारी तरीका कहा जा सकता है, क्योंकि दूसरे के शब्दों में एक गुप्त अर्थ की खोज - हमेशा समस्याओं की ओर ले जाती है।
सुनना सीखने के लिए क्या करना चाहिए?
- बातचीत पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें, अपने व्यवसाय को एक तरफ रख दें और सुनने के लिए तैयार हो जाएं।
- निष्क्रिय श्रोता न बनें, प्रश्न पूछें और वास्तविक रुचि दिखाएं, बारी-बारी से बोलने की व्यवस्था करें।
- सुनो, इस तथ्य के बावजूद कि जो कहा गया है वह आपको आहत या परेशान कर सकता है। आलोचना मददगार हो सकती है।
- समझदार बनें, आवाज के लहजे और चेहरे के भावों पर ध्यान दें, समझने की कोशिश करें कि शब्दों के पीछे क्या है, नहीं तो तर्क शब्दों के सही अर्थ को मार सकता है।
- ध्यान से सुनना केवल एक अच्छा संचार कौशल नहीं है, यह जीवन साथी के लिए सच्चे प्यार की अभिव्यक्ति है।