सर्दी की विशिष्ट अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई जितनी जल्दी हो सके शुरू की जानी चाहिए। एक बच्चे में बहती नाक और खांसी को दवाओं के उपयोग से ठीक करना संभव है, लेकिन सभी मामलों में ऐसे उपाय उचित नहीं हैं। उपलब्ध साधनों के साथ अतिरिक्त चिकित्सा से बच्चे की स्थिति को काफी कम करने में मदद मिलेगी।
ज़रूरी
- - दूध
- - शहद
- - रास्पबेरी जाम
- - देवदार का तेल
- - ऋषि का आसव
- - शहद, सरसों, वनस्पति तेल, आटा
निर्देश
चरण 1
एक उपयुक्त इनडोर तापमान प्रदान करें बहुत शुष्क हवा के कारण बलगम सूख जाता है, बच्चे के लिए सांस लेना मुश्किल होता है, और खांसी उत्पादक नहीं होती है। इष्टतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस है, जबकि उस कमरे में आर्द्रता का स्तर जहां बीमार बच्चा रहता है, उच्च होना चाहिए। कमरे को नियमित रूप से वेंटिलेट करें और गीली सफाई करें।
चरण 2
गर्म पेय और नाक की बूंदें: अक्सर और हल्के से पिएं, क्योंकि बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से नाक के श्लेष्म में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है और कफ बढ़ता है। तरल पदार्थ के साथ शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। अपने बच्चे को उच्च तापमान पर खतरनाक स्थिति से बचाएं - निर्जलीकरण। गर्म दूध में एक चम्मच शहद या रास्पबेरी जैम मिलाएं। अपने बच्चे को दिन में दो से तीन बार एक पेय दें, सुनिश्चित करें कि वह छोटे घूंट में पीता है।
चरण 3
साँस लेना: बहती नाक और खांसी के इलाज में उपचार समान रूप से प्रभावी होगा। जोड़ा हुआ देवदार का तेल और ऋषि जलसेक के साथ एक गर्म पानी का घोल तैयार करें। 3-5 मिनट से शुरू करें, साँस लेने की इष्टतम अवधि 10 मिनट है। सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया के बाद आधे घंटे तक बच्चा कुछ न खाए, पिए या बात न करे।
चरण 4
अपने पैरों को भाप दें: गर्म पैरों से स्नान केवल शरीर के कम तापमान पर ही किया जाना चाहिए। पानी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ाएं। पानी में आवश्यक तेल की कुछ बूँदें जोड़ें - उपचार वाष्प श्वसन पथ और नासोफरीनक्स को प्रभावित करेगा। प्रक्रिया के अंत में, बच्चे को गर्म मोजे पहनाएं।
चरण 5
कंप्रेस लगाएं: बच्चे की बहती नाक और खांसी को ठीक करने के लिए छाती और पीठ को गर्म करना जरूरी है। शहद, सरसों और वनस्पति तेल मिलाएं, आटा गूंथने तक आटा डालें। मिश्रण को गरम करें और इसे तीन केक में बाँट लें: एक छाती पर, दूसरा दो पीछे। बच्चे की त्वचा को धुंध से सुरक्षित रखें, और शरीर को ऊपर से टेरी टॉवल से लपेटें।